Dehydration Cause Heart Palpitations: पानी की कमी से दिल भी हो सकता है बीमार, जानें कैसे?
Dehydration causes heart palpitations: पानी की कमी हमारे रक्त संचार को काफी प्रभावित करती है। इसके कारण हृदय की धड़कन बढ़ सकती है या कम हो सकती है। अशुद्ध खानपान और जीवनशैली के कारण हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ता है। धीमी या तेज़ धड़कन खतरे की निशानी है। बीपी बढ़ने या घटने से भी हृदय की धड़कन बढ़ सकती है या कम हो सकती है। धड़कन बढ़ने पर हृदयघात या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। हृदयघात का खतरा बढ़ सकता है या घट सकता है जब धड़कन बढ़ती है। धड़कन को एक मिनट में 60 से 100 के बीच होना चाहिए। अक्सर कहा जाता है कि शरीर में पानी की कमी धड़कन पर बहुत अधिक प्रभाव डालती है। आइए जानें कैसे?
डिहाइड्रेशन के कारण धड़कन बढ़ सकती है
धड़कन में बदलाव कई कारणों से हो सकता है। अत्यधिक क्रोध, तनाव, तेज़ चलना और दौड़ना धड़कन को बढ़ा सकते हैं। ‘ओनली माय हेल्थ’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, शरीर में पानी की कमी के कारण धड़कन बढ़ना शुरू हो जाता है। शरीर में पानी की कमी के कारण रक्त परिसंचरण पर काफी प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण धड़कन बढ़ सकती है।
शरीर में पानी की कमी हो सकती है कई कारणों से
किसी को बहुत पसीना आता है, यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक सूरज में रहता है तो इस प्रकार के लोगों के शरीर में पानी की कमी हो सकती है। जो लोग बहुत सारी शराब पीते हैं, वे डिहाइड्रेशन की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो इसका रक्त संचार पर भी खतरानाक प्रभाव होता है। रक्त संचार कम हो जाता है। रक्त संचार को सुधारने के लिए बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण धड़कन बढ़ी हुई महसूस होती है। इस प्रकार, पहले ही शरीर में पानी की कमी को दूर करना महत्वपूर्ण है।
पानी की कमी के मामले में क्या करें?
लोग अक्सर गर्मी में डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं। इस प्रकार, लोगों को इलेक्ट्रोलाइट पानी पीना चाहिए। यह तरल आहार स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। यदि आप दिन में 3-4 लीटर पानी पीते हैं तो शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा नहीं होगा। नींबू रस, चीनी और नमक के साथ मिलाकर पीने वाला पानी पर्फेक्ट फायदे प्रदान करता है।